BA Semester-1 Aahar, Poshan evam Swachchhata - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2637
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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

 

आहार के कार्यों एवं परिणामों तथा आहार के पोषक तत्त्वों की कमी या अभाव के परिणामों का व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है-

(a) स्वास्थ्य विज्ञान में

(b) गृह विज्ञान में

(c) शरीर शास्त्र में

(d) आहार एवं पोषण विज्ञान में।

उस विज्ञान को क्या कहते हैं, जिसके अन्तर्गत मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाने वाले आहार तथा ग्रहण किए गए आहार के परिणामस्वरूप होने वाले पोषण का व्यवस्थित एवं बहुपक्षीय अध्ययन किया जाता है-

(a) स्वास्थ्य विज्ञान

(b) आहार एवं पोषण विज्ञान

(c) अस्पष्ट विज्ञान

(d) अनिश्चित विज्ञान।

 आहार एवं पोषण - विज्ञान में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान का योगदान है—

(a) आहार एवं आहार सम्बन्धी आदतों का अध्ययन किया जाता है

(b) विभिन्न रोगों की दशा में आहार में किए जाने वाले परिवर्तनों की जानकारी दी जाती है

(c) अभावजनित रोगों के उपचार के लिए आहार - चिकित्सा प्रदान की जाती है

(d) उपर्युक्त सभी योगदान।

परिवार की आहार सम्बन्धी व्यवस्था में अर्थशास्त्र का योगदान है-

(a) पारिवारिक बजट में आहार सम्बन्धी व्यय का प्रावधान करना

(b) आहार - आयोजन में मितव्ययिता का ध्यान रखना

(c) उपर्युक्त दोनों योगदान महत्त्वपूर्ण हैं

(d) कोई योगदान नहीं है।

 उपयोग के दृष्टिकोण से आहार के पोषक तत्त्वों का अनिवार्य समूह है-

(a) वृद्धिकारक पोषक तत्त्व समूह

(b) ऊर्जा - उत्पादक पोषक तत्त्व समूह

(c) संरक्षात्मक पोषक तत्त्व समूह

(d) वृद्धिकारक, ऊर्जा उत्पादक तथा संरक्षात्मक पोषक तत्त्व समूह।

 आहार ग्रहण करने, उसके पाचन तथा पोषक तत्त्वों के अवशोषण का परिणाम होता है—

(a) शरीर का वजन बढ़ना

(b) शरीर की लम्बाई बढ़ना

(c) मोटापा बढ़ना

(d) व्यक्ति का पोषण होना।

आहार ग्रहण करने के परिणामस्वरूप होने वाले पोषण की स्थिति हो सकती है -

(a) सुपोषण

(b) कुपोषण

(c) अपोषण या अपर्याप्त पोषण

(d) उपर्युक्त में से कोई भी एक।

अव्यवस्थित / अनुपयुक्त/ असन्तुलित आहार ग्रहण करने के परिणामस्वरूप होने वाले पोषण को कहा जाता है-

(a) सामान्य पोषण

(b) कुपोषण

(c) सुपोषण

(d) अपोषण।

कुपोषण का लक्षण है-

(a) स्वस्थ शरीर

(b) चमकीले बाल

(c) मजबूत मांसपेशियाँ

(d) अस्वस्थ शरीर।

अपोषण के परिणामस्वरूप होने वाले रोगों को कहा जाता है-

(a) गम्भीर रोग

(b) संक्रामक रोग

(c) साधारण रोग

(d) अभावजनित रोग।

व्यक्ति के कुपोषण के लिए जिम्मेदार कारण है-

(a) अपर्याप्त भोजन

(b) अनुचित भोजन

(c) अज्ञानता

(d) उपर्युक्त सभी कारण

व्यक्ति जो उसकी आहार सम्बन्धी आवश्यकताओं से कम मात्रा तथा न्यून गुणात्मकता वाला आहार उपलब्ध होने की स्थिति में होने वाले पोषण को कहा जाता है-

(a) अति-पोषण

(b) अपोषण या अल्प-पोषण

(c) अनावश्यक पोषण

(d) साधारण पोषण।

सामान्य-स्वस्थ तथा रोगी व्यक्तियों के लिए आहार की योजना बनाना, व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक कारणों को ध्यान में रखकर भोजन का चुनाव, संग्रह, तैयारी तथा परोसने आदि का सुचारु कार्य किया जाता है—

(a) स्वास्थ्य विज्ञान के अन्तर्गत

(b) आहार - विज्ञान (Dietetics) के अन्तर्गत

(c) पाक-विज्ञान के अन्तर्गत

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

सन्तुलित आहार में उपयुक्त मात्रा में विद्यमान होते हैं-

(a) प्रोटीन

(b) खनिज लवण तथा विटामिन

(c) वसा तथा कार्बोहाइड्रेट

(d) उपर्युक्त सभी।

अधिक क्रियाशील व्यक्ति के आहार

(a) सुरक्षात्मक पोषक तत्व

(b) ऊर्जादायक पोषक तत्व

(c) शरीर निर्माणक पोषक तत्व

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

आहार से आशय है-

(a) जो व्यक्ति खाता या पीता है

(b) जो पचाया जा सके

(c) जो शारीरिक वृद्धि एवं विकास में सहायक हो

(d) उपर्युक्त सभी।

शरीर के लिए प्रमुख सुरक्षात्मक तत्त्व माने जाते हैं-

(a) विटामिन तथा खनिज

(b) वसा

(c) जल

(d) कार्बोहाइड्रेट।

आहार का ऊर्जादायक तत्त्व है-

(a) कार्बोहाइड्रेट

(b) वसा

(c) प्रोटीन

(d) उपर्युक्त सभी।

श्वसन तथा ऊर्जा चयापचय सम्बन्धों को ज्ञात किया था-

(a) हॉपकिन्स ने

(b) मेण्डेल ने

(c) किलटेण्डर ने

(d) ब्लैक तथा प्रीस्टले ने।

आहार के माध्यम से तुरन्त ऊर्जा प्रदान करने वाला तत्त्व है-

(a) वसा

(b) प्रोटीन

(c) कार्बोहाइड्रेट

(d) जल।

आहार का प्रमुख शरीर निर्माणक तत्त्व है-

(a) जल

(b) वसा

(c) प्रोटीन

(d) कैल्सियम तथा फॉस्फोरस।

आहार एवं पोषण-विज्ञान के इतिहास का प्राकृतिक युग माना जाता है-

(a) आदिम युग से आज तक

(b) 400 BC. से 1750 AD. तक

(c) यूनानी सभ्यता का युग

(d) अस्पष्ट एवं अनियन्त्रित काल।

शरीर की जैवकीय क्रियाओं को नियन्त्रित तथा नियमित करने तथा रोग निरोधक क्षमता को विकसित करने में योगदान देने वाले आहार के प्रमुख तत्त्वों को कहा जाता है-

(a) पौष्टिक तत्त्व

(b) उपयोगी तत्त्व

(c) सुरक्षात्मक तत्त्व

(d) दुर्लभ तत्त्व |

WHO के अनुसार स्वास्थ्य का अर्थ है-

(a) शारीरिक रूप से स्वस्थ होना

(b) मानसिक रूप से स्वस्थ होना

(c) सामाजिक रूप से स्वस्थ होना

(d) ये सभी।

“स्वास्थ्य सिर्फ रोग या दुर्बलता की अनुपस्थिति ही नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक खुशहाली की स्थिति है।" यह परिभाषा दी है-

(a) WHO ने

(b) यूनेसेफ ने

(c) UHO ने

(d) यूनेस्को ने।

ऊर्जा का सर्वोत्तम स्रोत है -

(a) कार्बोहाइड्रेट

(b) प्रोटीन

(c) जल

(d) खनिज लवण

सन्तुलित आहार प्रभावित होता है :

(a) शारीरिक क्रियात्मकता से

(b) आयु से

(c) स्वास्थ्य से

(d) उपरोक्त सभी 

सम्पूर्ण आहार है :

(a) सब्जियाँ

(b) दूध

(c) दालें

(d) फल

 भारत में कुपोषण के कारण हैं :

(a) गरीबी

(b) मिलावट

(c) आदतें

(d) ये सभी

क्या भोजन से प्राप्त होता है?

(a) भूख

(b) ऊर्जा

(c) क्रियाएँ

(d) हार्मोन्स

खाने से पहले भोजन को भली-भाँति :

(a) मसलना चाहिए

(b) चबाना चाहिए

(c) बाँटना चाहिए

(d) काटना चाहिए

कुपोषण का अर्थ है :

(a) अल्पपोषण

(b) अतिपोषण

(c) भुखमरी

(d) ये सभी

सन्तुलित आहार हमारे शरीर को नहीं बनाता है :

(a) रोगमुक्त

(b) स्वस्थ

(c) मोटा 

(d) शक्तिशाली

सन्तुलित आहार के अवयव है :

(a) प्रोटीन

(b) कार्बोहाइड्रेट व वसा

(c) विटामिन व खनिज लवण

(d) उपरोक्त सभी 

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए, हमें :

(a) कम पानी पीना चाहिए

(b) वजन बढ़ाना चाहिए

(c) वजन पर नियन्त्रण करना चाहिए

(d) विटामिन 'सी' से परहेज करना चाहिए

वृद्धावस्था में पौष्टिक तत्वों की आवश्कता :

(a) बढ़ जाती है

(b) घट जाती है

(c) अपरिवर्तित रहती है

(d) इनमें से कोई नहीं

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक :

(a) सन्तुलित आहार

(b) व्यक्तिगत स्वच्छता

(c) टीकाकरण

(d) उपर्युक्त सभी

लम्बे समय तक कुपोषण से यह समस्या हो सकती है :

(a) सांस लेने में परेशानी

(b) भुखमरी

(c) मोटापा

(d) उपर्युक्त सभी

वह स्थिति जब शरीर को उचित पोषक तत्व नहीं प्राप्त होते हैं :

(a) मैरास्मस

(b) कुपोषण

(c) क्वाशीयोरकोर

(d) पाचन विकार

आधारीय चयापचय की दर (BMR) इसके साथ घटने लगती है :

(a) स्वास्थ्य

(b) मौसम

(c) गतिविधि

(d) आयु

अत्यधिक प्रचलित वैश्विक पोषण समस्या है :

(a) विटामिन ए की कमी

(b) मोटापा

(c) अल्प पोषण

(d) उपर्युक्त सभी

कुपोषण के कारण हैं :

(a) अस्वच्छ पीने का पानी

(b) कम वेतन

(c) गतिहीन जीवन शैली

(d) उपर्युक्त सभी

कमी से होने वाले रोगों से बचाव के लिए खाना चाहिए :

(a) केवल फल

(b) केवल सब्जियाँ

(c) अधिक समय तक पका भोजन (

(d) पौष्टिक तत्वों युक्त भोजन

 कुपोषण का एक प्रकार - MDD है

(a) मिल्क डिफेक्टिव डिज़ीज़

(b) मिनरल डेफिशियन्सी डिज़ीज़

(c) माइक्रो डेफिशियन्सी डिज़ीज़

(d) मैलन्यूट्रीशन डाइजेस्टिव डिज़ीज़

हमारी पोषण आवश्यताओं को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारक :

(a) वृद्धि एवं गतिविधि

(b) भार व भूख

(c) वृद्धि व भूख

(d) भार व गतिविधि

सन्तुलित आहार इसके लिए आवश्यक है :

(a) वृद्धि

(b) मोटापे से रोकथाम

(c) शरीर का ठीक से काम करना

(d) ऊर्जा

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    अनुक्रम

  1. आहार एवं पोषण की अवधारणा
  2. भोजन का अर्थ व परिभाषा
  3. पोषक तत्त्व
  4. पोषण
  5. कुपोषण के कारण
  6. कुपोषण के लक्षण
  7. उत्तम पोषण व कुपोषण के लक्षणों का तुलनात्मक अन्तर
  8. स्वास्थ्य
  9. सन्तुलित आहार- सामान्य परिचय
  10. सन्तुलित आहार के लिए प्रस्तावित दैनिक जरूरत
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. आहार नियोजन - सामान्य परिचय
  13. आहार नियोजन का उद्देश्य
  14. आहार नियोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  15. आहार नियोजन के विभिन्न चरण
  16. आहार नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक
  17. भोज्य समूह
  18. आधारीय भोज्य समूह
  19. पोषक तत्त्व - सामान्य परिचय
  20. आहार की अनुशंसित मात्रा
  21. कार्बोहाइड्रेट्स - सामान्य परिचय
  22. 'वसा’- सामान्य परिचय
  23. प्रोटीन : सामान्य परिचय
  24. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  25. खनिज तत्त्व
  26. प्रमुख तत्त्व
  27. कैल्शियम की न्यूनता से होने वाले रोग
  28. ट्रेस तत्त्व
  29. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  30. विटामिन्स का परिचय
  31. विटामिन्स के गुण
  32. विटामिन्स का वर्गीकरण एवं प्रकार
  33. जल में घुलनशील विटामिन्स
  34. वसा में घुलनशील विटामिन्स
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. जल (पानी )
  37. आहारीय रेशा
  38. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  39. 1000 दिन का पोषण की अवधारणा
  40. प्रसवपूर्व पोषण (0-280 दिन) गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त पोषक तत्त्वों की आवश्यकता और जोखिम कारक
  41. गर्भावस्था के दौरान जोखिम कारक
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  43. स्तनपान/फॉर्मूला फीडिंग (जन्म से 6 माह की आयु)
  44. स्तनपान से लाभ
  45. बोतल का दूध
  46. दुग्ध फॉर्मूला बनाने की विधि
  47. शैशवास्था में पौष्टिक आहार की आवश्यकता
  48. शिशु को दिए जाने वाले मुख्य अनुपूरक आहार
  49. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  50. 1. सिर दर्द
  51. 2. दमा
  52. 3. घेंघा रोग अवटुग्रंथि (थायरॉइड)
  53. 4. घुटनों का दर्द
  54. 5. रक्त चाप
  55. 6. मोटापा
  56. 7. जुकाम
  57. 8. परजीवी (पैरासीटिक) कृमि संक्रमण
  58. 9. निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन)
  59. 10. ज्वर (बुखार)
  60. 11. अल्सर
  61. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  62. मधुमेह (Diabetes)
  63. उच्च रक्त चाप (Hypertensoin)
  64. मोटापा (Obesity)
  65. कब्ज (Constipation)
  66. अतिसार ( Diarrhea)
  67. टाइफॉइड (Typhoid)
  68. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  69. राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएँ और उन्हें प्राप्त करना
  70. परिवार तथा विद्यालयों के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  71. स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
  72. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रः प्रशासन एवं सेवाएँ
  73. सामुदायिक विकास खण्ड
  74. राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम
  75. स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
  76. प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर खाद्य
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

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